भारतीय सांस्कृतिक विरासत में, भगवान विष्णु का नृत्य एक अद्वितीय और आद्भुत विषय है जो ब्रह्मांड के निर्माण और संसार के सृष्टि की गहराईयों में छुपा हुआ है। इस लेख में, हम जानेंगे कि भगवान विष्णु का यह कोस्मिक नृत्य कैसे होता है और इसका आध्यात्मिक अर्थ क्या है।
Hindu Puran Stories (हिंदु पुराण कथा) (Hindi & English)
Thursday
भगवान विष्णु का ब्रह्मांडीय नृत्य: अद्भुत और आध्यात्मिक रहस्य (The Cosmic Dance of Lord Vishnu: A Marvelous and Spiritual Revelation)
Introduction:
भारतीय सांस्कृतिक विरासत में, भगवान विष्णु का नृत्य एक अद्वितीय और आद्भुत विषय है जो ब्रह्मांड के निर्माण और संसार के सृष्टि की गहराईयों में छुपा हुआ है। इस लेख में, हम जानेंगे कि भगवान विष्णु का यह कोस्मिक नृत्य कैसे होता है और इसका आध्यात्मिक अर्थ क्या है।
भारतीय सांस्कृतिक विरासत में, भगवान विष्णु का नृत्य एक अद्वितीय और आद्भुत विषय है जो ब्रह्मांड के निर्माण और संसार के सृष्टि की गहराईयों में छुपा हुआ है। इस लेख में, हम जानेंगे कि भगवान विष्णु का यह कोस्मिक नृत्य कैसे होता है और इसका आध्यात्मिक अर्थ क्या है।
चारों ओर से परीक्षण: एक शिक्षाप्रद कहानी (Tested from All Sides: An Educational Tale")
'यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते,
निघर्षणच्छेदनतापताडनैः तथा,
चतुर्भिः पुरुषः परीक्ष्यते,
श्रुतेन शीलेन गुणेन कर्मणा.'
चाणक्य नीति: व्यापार और वित्त के मूल मंत्र
राजनीति का ज्ञान: चाणक्य के उपदेश
चाणक्य के अनमोल सूत्र: सफलता की राह
कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ एक आदित्य नामक युवक अपने सपनों की पुर्ति के लिए मेहनत कर रहा था। गाँव में बड़ा सामंत रहता था जिसका नाम राजेंद्र था। राजेंद्र गाँव के सभी लोगों के लिए आदर्श थे, लेकिन वह अकेले आदित्य को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखते थे।
Wednesday
चाणक्य नीति - प्रथमोऽध्यायः श्लोक 17 का अर्थ
स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा ।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः ॥ 17 ॥
चाणक्य नीति - प्रथमोऽध्यायः श्लोक 16 का अर्थ
विषादप्यमृतं ग्राह्यममेध्यादपि कांचनम् ।
अमित्रादपि सद्वृत्तं बालादपि सुभाषितम् ॥ 16 ॥
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