एक दिन, जब वन्यजीवों के बीच एक तालाब सूख गया, वे सभी मुसीबत में थे। कौशिक ने उन्हें यहाँ वहाँ दौड़ने की बजाय, सबको एकत्र करके साथ मिलकर एक समाधान निकाला।
उसने सबको बताया कि वह सभी को अपने पंजे में पानी लेकर एक सुरक्षित स्थान तक पहुंचा सकता है और उन्हें वहां सुरक्षित रख सकता है। सभी ने उसकी सुनी और इस समय के लिए उसके साथ कछुआ बन गए।
धीरे-धीरे वन्यजीवों ने कछुए की बुद्धिमानता को महसूस किया और उन्हें उपहारों से नवाजा। कौशिक की बुद्धि ने न केवल उसके बल्कि उसके साथीयों की भी समृद्धि की थी।
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