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शुक्रनीति: कितनी भी कोशिश कर लें, ये 6 चीज़ें हमेशा नहीं टिकती


कई चीजें ऐसी होती हैं, जो मनुष्य को बहुत प्रिय होती है। उन्हें पाने या उस पर हमेशा अधिकार बनाए रखने के लिए वह बहुत कोशिश करता है, लेकिन एक समय आने पर वह वस्तु उससे दूर हो ही जाती है। शुक्रनीति में ऐसी ही 6 वस्तुओं के बारे में बताया गया हैं, जिन्हें हमेशा अपने पास बनाए रखना किसी के लिए भी संभव नहीं है। शुक्रनीति एक प्रसिद्ध नीतिग्रन्थ है। इसकी रचना दानवों के गुरु शुक्राचार्य ने की थी।
श्लोक 

यौवनं जीवितं चित्तं छाया लक्ष्मीश्र्च स्वामिता।
चंचलानि षडेतानि ज्ञात्वा धर्मरतो भवेत्।।

1. यौवन और रूप
हर कोई चाहता हैं कि उसका रूप-रंग हमेशा ऐसे ही बना रहे, वो कभी बूढ़ा न हों, लेकिन ऐसा होना किसी के भी संभव नहीं होता है। यह प्रकृति का नियम है कि एक समय के बाद हर किसी का युवा अवस्था उसका साथ छोड़ती ही है। अब हमेशा युवा बने रहने के लिए मनुष्य चाहे कितनी ही कोशिशें कर ले, लेकिन ऐसा नहीं कर पाता।

2. जीवन
जन्म और मृत्यु मनुष्य जीवन के अभिन्न अंग है। जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित ही है। कोई भी मनुष्य चाहे कितने ही पूजा-पाठ कर ले या दवाइयों का सहारा ले, लेकिन एक समय के बाद उसकी मृत्यु होगी ही। इसलिए, अपने या अपने किसी भी प्रियजन के जीवन से मोह बांधना अच्छी बात नहीं है।

3. मन
हर किसी का मन बहुत ही चंचल होता हैं, यह मनुष्य की प्रवृत्ति होती है। कई लोग कोशिश करते हैं कि उनका मन उनके वश में रहे, लेकिन कभी न कभी उनका मन उनके वश से बाहर हो ही जाता है और वे ऐसे काम कर जाते हैं, जो उन्हें नहीं करना चाहिए। कुछ लोगों का मन धन-दौलत में होता है तो कुछ लोगों का अपने परिवार में। मन को पूरी तरह से वश में करना तो बहुत ही मुश्किल है, लेकिन योग और ध्यान की मदद से काफी हद तक मन पर काबू पाया जा सकता है।

4. परछाई
मनुष्य की परछाई उसका साथ सिर्फ तब तक देती है, जब तक वह धूप में चलता है। अंधकार आते ही मनुष्य की छाया भी उसका साथ छोड़ देती है। जब मनुष्य की अपनी छाया हर समय उसका साथ नहीं देती ऐसे में किसी भी अन्य व्यक्ति से इस बात की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए कि वे हर समय हर परिस्थिति में आपका साथ देंगे।

5. लक्ष्मी ( धन)
धन-संपत्ति हर किसी की चाह होती है। हर मनुष्य चाहता है कि उसके पास धन-दौलत हो, जीवन की साभी सुख-सुविधाएं हों। ऐसे में कई लोग धन से अपना मोह बाध लेते हैं। वे चाहते हैं कि उनका धन हमेशा उन्हीं के पास रहें, लेकिन ऐसा हो पाना संभव नहीं होता। मन की तरह ही धन का भी स्वभाव बड़ा ही चंचल होता है। वह हर समय किसी एक जगह पर या किसी एक के पास नहीं टिकता। इसलिए धन से मोह बांधना ठीक नहीं होता।

6. सत्ता या अधिकार
कई लोगों को पॉवर यानि अधिकार पाने का शौक होता है। वे लोग चाहते हैं कि उन्हें मिला पद या अधिकार पूरे जीवन उन्हीं के साथ रहें, लेकिन ऐसा होना संभव नहीं है। जिस तरह परिवर्तन प्रकृति का नियम है, उसी तरह पद और अधिकारों का परिवर्तन भी समय-समय पर जरूरी होता है। ऐसे में अपने वर्तमान पद या अधिकार को हमेशा अपने ही पास रखने की इच्छा मन में नहीं आने देनी चाहिए।

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