वाल्मीकि रामायण भगवान राम के जीवन पर आधारित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें ज्ञान और धर्म की कई बातें बताई गई हैं। वाल्मीकि रामायण में 3 ऐसे काम बताए गए हैं, जो किसी भी मनुष्य का जीवन बर्बाद कर सकते हैं। इसलिए भूलकर भी इन 3 कामों को नहीं करना चाहिए। जानिए कौन से हैं वो 3 काम-
श्लोक
परस्वानां च हरणं परदाराभिमर्शनम्।
सुह्मदयामतिशंका च त्रयो दोषाः क्षयावहाः।।
1. दूसरों का धन चुराना
जो मनुष्य दूसरों की वस्तु हड़पने या चुराने का प्रयास करता है, वह महापापी माना जाता है। किसी और की वस्तु को छल से पाने या चुराने से मनुष्य के जीवन के सभी पुण्यकर्म नष्ट हो जाते हैं। चोरी की हुई वस्तु से कभी भी लाभ नहीं मिलता, बल्कि उसकी वजह से नुकसान का ही सामना करना पड़ता है। चोरी करने वाले मनुष्य या ऐसे काम में साथ देने वाले मनुष्य को तामिस्र नामक नरक में दुःख भोगना पड़ते हैं। यह काम किसी के भी जीवन को बड़ी ही आसानी से बर्बाद कर सकता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
2. पराई स्त्री के साथ संबंध बनाना
कई लोग कामातुर होकर पराई स्त्रियों पर बुरी नजर डालते हैं। ऐसी परिस्थिति में सही-गलत का निर्णय नहीं कर पाते और पराई स्त्री के साथ संबंध बना लेते हैं। धर्म ग्रंथों में इसे पाप कहा गया है। ग्रंथों के अनुसार, इस पाप का प्रायश्चित किसी भी तरह संभव नहीं होता। जो भी मनुष्य ऐसा काम करता है, उसे इसके बुरे परिणाम आज नहीं तो कल झेलना ही पड़ते हैं। पराई स्त्री के साथ समागम करने वाले मनुष्य के को जयंती नामक नरक में उनके पापों की सजा मिलती है। इसलिए हर किसी को इस पाप कर्म से दूर रहना चाहिए।
3. अपने हितैषियों के साथ धोखा करना
हमारे कई दोस्त या परिवारजन होते हैं, जो हम पर सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं। ऐसे लोगो के साथ धोखा करना या उनका भरोसा तोड़ना भी किसी पाप से कम नहीं है। अपने हितैषियों का विश्वास तोड़कर हम कुछ समय के लिए लाभ जरूर पा सकते हैं, लेकिन आगे चलकर इसका फल भोगना ही पड़ता है। ऐसा करने पर भगवान भी हम से रूठ जाते हैं और इस काम के फलस्वरूप हमें कई परेशानियों और दुखों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए किसी भी लालच में आकर हमारे अपनों का विश्वार नहीं तोड़ना चाहिए।
परस्वानां च हरणं परदाराभिमर्शनम्।
सुह्मदयामतिशंका च त्रयो दोषाः क्षयावहाः।।
1. दूसरों का धन चुराना
जो मनुष्य दूसरों की वस्तु हड़पने या चुराने का प्रयास करता है, वह महापापी माना जाता है। किसी और की वस्तु को छल से पाने या चुराने से मनुष्य के जीवन के सभी पुण्यकर्म नष्ट हो जाते हैं। चोरी की हुई वस्तु से कभी भी लाभ नहीं मिलता, बल्कि उसकी वजह से नुकसान का ही सामना करना पड़ता है। चोरी करने वाले मनुष्य या ऐसे काम में साथ देने वाले मनुष्य को तामिस्र नामक नरक में दुःख भोगना पड़ते हैं। यह काम किसी के भी जीवन को बड़ी ही आसानी से बर्बाद कर सकता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
2. पराई स्त्री के साथ संबंध बनाना
कई लोग कामातुर होकर पराई स्त्रियों पर बुरी नजर डालते हैं। ऐसी परिस्थिति में सही-गलत का निर्णय नहीं कर पाते और पराई स्त्री के साथ संबंध बना लेते हैं। धर्म ग्रंथों में इसे पाप कहा गया है। ग्रंथों के अनुसार, इस पाप का प्रायश्चित किसी भी तरह संभव नहीं होता। जो भी मनुष्य ऐसा काम करता है, उसे इसके बुरे परिणाम आज नहीं तो कल झेलना ही पड़ते हैं। पराई स्त्री के साथ समागम करने वाले मनुष्य के को जयंती नामक नरक में उनके पापों की सजा मिलती है। इसलिए हर किसी को इस पाप कर्म से दूर रहना चाहिए।
3. अपने हितैषियों के साथ धोखा करना
हमारे कई दोस्त या परिवारजन होते हैं, जो हम पर सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं। ऐसे लोगो के साथ धोखा करना या उनका भरोसा तोड़ना भी किसी पाप से कम नहीं है। अपने हितैषियों का विश्वास तोड़कर हम कुछ समय के लिए लाभ जरूर पा सकते हैं, लेकिन आगे चलकर इसका फल भोगना ही पड़ता है। ऐसा करने पर भगवान भी हम से रूठ जाते हैं और इस काम के फलस्वरूप हमें कई परेशानियों और दुखों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए किसी भी लालच में आकर हमारे अपनों का विश्वार नहीं तोड़ना चाहिए।
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